1. हम माता पिता की सेवा करेंगे। बहन-बेटी का सम्मान करेंगे, पति-पत्नी व्रत का पालन करेंगे।
2. हम किसी से भी जात-पात, ऊँच-नीच, धर्म के नाम पर भेदभाव नही करेंगे।
3. हम शक्तिशाली बनकर राक्षसी वृति को समाप्त करने में पूरा सहयोग करेंगे।
निवेदक डॉ.वी.पी.गुप्ता
Welcome to the Shree Devaly Sangh, where we deeply value preserving and safeguarding our culture. To protect the health and cohesion of our society, it is not only our duty but also a noble vocation that each of us must accept.
जो कहे, जो मैं कहूं वह मानना पड़ेगा (धर्म-अधर्म से कोई लेना-देना नहीं) केवल मैं जो कहूं वह मानना पड़ेगा, वरना सताऊँगा मार दूंगा।
"हम किसी से भी जात-पात, ऊँच-नीच, धर्म के नाम पर भेदभाव नहीं करेंगे"- इस संकल्प का पालन करने से हम संस्कृति अपना सकेंगे और संगठित होकर शक्तिशाली बन सकेंगे। जब हम सब एक ही परमपिता परमात्मा की संतान हैं, कण-कण में भगवान है, तो कौन छोटा - कौन बड़ा।
The family is the foundation of a healthy society. We value the significance of showing our parents unshakable love and respect..
The idea that divinity resides within each and every component of this enormous world is one that we at Shree Devaly Sangh..
It is essential that we recognise and get rid of the negative influences within us as we work to defend and protect our culture.
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